| 1. | अनुबन्ध चतुष्टय ' स्पष्ट कर दिया जाता था।
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| 2. | पुरुषार्थ चतुष्टय का समस्त सार महाभारत में है।
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| 3. | जिसे हम पुरुषार्थ चतुष्टय के द्वारा चुकाते हैं।
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| 4. | चेतना, चिंतन और अंतःकरण चतुष्टय.....
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| 5. | पुरुषार्थ चतुष्टय का निर्माण इसीलिए किया है मनीषियों ने।
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| 6. | पर द्वितीय चतुष्टय का कोई भाव प्रथम
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| 7. | अत: वस्तु पर चतुष्टय से अभावरूप ही है।
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| 8. | अंतः चतुष्टय का प्रमुख अंग है चित्त।
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| 9. | पुरुषार्थ चतुष्टय सिद्धांत भी कुछ ऐसा ही कहता है।
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| 10. | चतुष्टय के प्रत्येक भाव का विजातीय होगा।
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