पर चाँदी दुबकी हुई है मिट्टी की परतो के बीच और चाँदी की परत चढे हुए चमक रहे हैं एक अर्से से.
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पर चाँदी दुबकी हुई है मिट्टी की परतो के बीच और चाँदी की परत चढे हुए चमक रहे हैं एक अर्से से.
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चाँदी की परत चढ़वा देने से कुछ समय तो चाँदी के होने का भ्रम पैदा कर सकते हैं मगर चाँदी हो तो नहीं सकते.
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चाँदी की परत चढ़वा देने से कुछ समय तो चाँदी के होने का भ्रम पैदा कर सकते हैं मगर चाँदी हो तो नहीं सकते.
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चाँदी की परत चढ़वा देने से कुछ समय तो चाँदी के होने का भ्रम पैदा कर सकते हैं मगर चाँदी हो तो नहीं सकते.
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चाँदी की परत चढ़वा देने से कुछ समय तो चाँदी के होने का भ्रम पैदा कर सकते हैं मगर चाँदी हो तो नहीं सकते.
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फिर खेमा बदली का ढोंग क्यूँ? चाँदी की परत चढ़वा देने से कुछ समय तो चाँदी के होने का भ्रम पैदा कर सकते हैं मगर चाँदी हो तो नहीं सकते.
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हर समाज में तो हर तरह के लोग होते हैं कुछ अति सक्रिय, कुछ कम सक्रिय..फिर खेमा बदली का ढोंग क्यूँ? चाँदी की परत चढ़वा देने से कुछ समय तो चाँदी के होने का भ्रम पैदा कर सकते हैं मगर चाँदी हो तो नहीं सकते.