| 1. | सिरोही: यहां के प्रसिद्ध रागमाला चित्र १६७५ ई.
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| 2. | के प्रपौत्रों मेंनवतसिंह के दरबाड़ का चित्र है.
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| 3. | मारू रागिनी का चित्र १६५० ई. मेंचित्रित है.
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| 4. | १३ः रोगी तने परकोलेटोट्राइकमकवक के एसरवुलाई, चित्र ९.
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| 5. | अलंकरणात्मक रेखा से चित्र बोझिल होने लगे हैं.
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| 6. | लयःप्रवाह अथवा लय चित्र का गेय तत्व है.
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| 7. | आलोच्य चित्र में चामरधारियों का चित्रण रुचिकर है.
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| 8. | चित्र के अधोभाग में एकअभिलेख भी उल्लिखित है.
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| 9. | चित्र की शैलीसम्पूर्ण रूप से अपभ्रंश की है.
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| 10. | एक चित्र में शैली बहुत परिपक्वदिखाई देती है.
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