| 1. | यह समतल स्पष्ट ही चुंबकीय याम्योत्तर पर लंबवत् होता है।
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| 2. | यह समतल स्पष्ट ही चुंबकीय याम्योत्तर पर लंबवत् होता है।
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| 3. | जब चुंबकीय सूई चुंबकीय याम्योत्तर (
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| 4. | इस प्रकार सुई का घूर्णनतल चुंबकीय याम्योत्तर में लाया जाता है।
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| 5. | इस प्रकार सुई का घूर्णनतल चुंबकीय याम्योत्तर में लाया जाता है।
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| 6. | ये आकाश में कुछ दिशाओं में फैले होते हैं और चाप का उच्चतम बिंदु चुंबकीय याम्योत्तर (
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| 7. | यह भौगोलिक याम्योत्तर और चुंबकीय याम्योत्तर के मध्य बननेवाला कोण है, जो दिक्सूचक की स्थिति पर निर्भर करता है।
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| 8. | ये आकाश में कुछ दिशाओं में फैले होते हैं और चाप का उच्चतम बिंदु चुंबकीय याम्योत्तर (meridian) पर होता है।
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| 9. | धारा नापने के पहले सूई के बक्स के समतल को क्षैतिज करना और ऊर्ध्वाधर कुंडलियों को चुंबकीय याम्योत्तर में करना आवश्यक है।
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| 10. | 1. विचरण (Variation)-यह भौगोलिक याम्योत्तर और चुंबकीय याम्योत्तर के मध्य बननेवाला कोण है, जो दिक्सूचक की स्थिति पर निर्भर करता है।
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