| 1. | यहोवा बदला लेने वाला और जलजलाहट करने वाला है;
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| 2. | यहोवा बदला लेनेवाला और जलजलाहट करनेवाला है;
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| 3. | यहोवा की जलजलाहट और तेरे परमेश्वर की धमकी के कारण वे अचेत पड़े हैं॥ 21.
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| 4. | 7 क्योंकि हम तेरे क्रोध से नाश हुए हैं; और तेरी जलजलाहट से घबरा गए हैं।
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| 5. | उसकी जलजलाहट आग की नाईं भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं।
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| 6. | उसकी जलजलाहट आग की नाईं भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं।
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| 7. | हे यहोवा क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर!
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| 8. | 46 हे यहोवा तू कब तक लगातार मूंह फेरे रहेगा, तेरी जलजलाहट कब तक आग की नाईं भड़की रहेगी॥
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| 9. | 12 तौभी वह जलजलाहट के साय उखाड़कर भूमि पर गिराई गई, और उसके फल पुरवाई हवा के लगने से सूख गए;
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| 10. | 6 जो जातियां तुझ को नहीं जानती, और जिन राज्यों के लोग तुझ से प्रार्थना नहीं करते, उन्ही पर अपनी सब जलजलाहट भड़का!
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