| 1. | ये वो ज़हर है के आखिर मै-ए-ख़ुशगवार होता
|
| 2. | सरस्वती की विधवा जिठानी माया ने ज़हर उगला।
|
| 3. | ज़िन्दगी है अनमोल, तू इसमें ज़हर मत घोल.
|
| 4. | कहीं अपनी कड़वाहटों का ज़हर उगल देते हैं।
|
| 5. | कभी ज़हर सी कड़वी, कभी मिशरी सी मीठी
|
| 6. | किसी मीरा को ज़हर आप पिलाते क्यूँ हो
|
| 7. | निगाह मीरा की निराली, पी के ज़हर प्याली,
|
| 8. | अन्दर ही अन्दर ज़हर घुलने लगा था...
|
| 9. | या फिर ज़हर खाकर अपनी जान दे दी।
|
| 10. | 0052 अगर तुम मिल जाओ ज़हर श्रेया घोशाल
|