2. इसके नीचेवाली सापेक्षत: अत्यधिक मोटी तह, डर्मिस (
2.
(ब) रक्त-यह डर्मिस की अवांकुरक-जालिका (शुब्पपिल्लर्य् फ्लेदुस्) में इकट्ठा कियाजाता है.
3.
2. इसके नीचेवाली सापेक्षत: अत्यधिक मोटी तह, डर्मिस (dermis) या कोरियम (corium)।
4.
इसमें त्वचा में नली के डर्मिस व इपिडर्मिस तक रूकावट हो जाती है।
5.
इसके अलावा अन्तरत्वचा (डर्मिस) में रक्तवाहिकाओं का घना जाल मौजूद रहता है।
6.
कोमल ट्यूब होती है जिस का मुंह त्वचा की भीतरी परत डर्मिस में थोड़ा उपर होते
7.
अतएव सर्दी में, जबकि शरीरिक ताप को बचाकर रखनाआवश्यक होता है, डर्मिस की धमनिकाएँ संकुचित हो जाती है.
8.
डर्मिस ही में ताप (रूफीनी अंग-षुङ्ङिनि और्गन्) और शीत (क्राज अंत कंद-~ ऐन्ड् भुल्ब्ओङ् ख्रउसे) के संवेदी अंतांग भी विद्यमान होते है.
9.
रोमकूप (Hair follicle) में अन्तरत्वचा (डर्मिस) का भाग अतिवाहिकामय रहता है और अन्य स्थानों से अधिक तन्त्रिका-तन्तुओं से प्रेरित रहता है।
10.
स्टीवेंस-जॉन्सन सिंड्रोम (एसजेएस) तथा टॉक्सिक एपीडर्मल नेक्रोलिसिस (टीईएन) त्वचा को प्रभावित करने वाली प्राण-घातक स्थिति के दो प्रकार हैं जिसमें कोशिकाओं की मृत्यु के कारण एपीडर्मिस, डर्मिस से अलग होने लगती है.