| 1. | कछूं रेह मुण्ड कहूँ तुण्ड भुजदण्ड झुण्ड,
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| 2. | चक्र तुण्ड दश पाणिव्याल धर ॥
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| 3. | चक्र तुण्ड दश पाणिव्याल धर ॥करि मद पान शम्भु गुणगावत ।
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| 4. | इसका आकार हस्ति तुण्ड (हाथी की सुँड) के समान है।
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| 5. | वहीं भी शुक्र-तुण्ड स्सृष्ट-होने से अतिमधुर है ।
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| 6. | सुण्डन के रुण्ड मैं लगाय तुण्ड झुण्ड मुण्ड पान करैं लेहु भूत
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| 7. | क्या श्लोक “वक्र तुण्ड, महाकाय” को “वक्र तुण्ड, प्रमाण-काय” में बदलने का समय आ गया है?
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| 8. | क्या श्लोक “वक्र तुण्ड, महाकाय” को “वक्र तुण्ड, प्रमाण-काय” में बदलने का समय आ गया है?
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| 9. | तुण्ड का सामान्य अर्थ मुख या चोंच होता है, किंतु यह हाथी की सूंड़ को भी व्यक्त करता है ।
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| 10. | तुण्ड का सामान्य अर्थ मुख या चोंच होता है, किंतु यह हाथी की सूंड़ को भी व्यक्त करता है ।
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