| 1. | >> आचार्य श्रीराम किंकर जी >> दंडक बनु
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| 2. | दंडक का अर्थ है दंड के समान लंबा।
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| 3. | तो आइये जुड़ते हैं इस घनाक्षरी दंडक से-
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| 4. | प्रचलित छंदों में दंडक और सवैया भी हैं।
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| 5. | सोभत दंडक की रुचि बनी, भाँतिन-भाँतिन सुंदर घनी।
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| 6. | दंडक वन-पथ की ओर चले |
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| 7. | है उचित क्षेत्र यह दंडक वन |
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| 8. | दंडक के समय बैलेंस पर नियंत्रण बहुज जरूरी हैं।
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| 9. | दंडक वन में पहुँचते हैं, जहाँ राक्षसों द्वारा खाए
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| 10. | हमारी प्राचीन राजनीति तथा शासनप्रणालीका यह दंडक होता था ।
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