| 1. | अब दादुर वक्ता भए, हम को पूछत कौन।
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| 2. | आप निश्चिन्त रहें हम तो बरसाती दादुर हैं।
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| 3. | / दादुर मोर पपीहा बोल्याँ काइल मधुरा साज।
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| 4. | दादुरकभी सूखे हुए तालाब में दादुर नही आते,
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| 5. | माखी काक उलूक, दादुर से भए लोग।
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| 6. | दादुर, मोर, पपीहा बोले, कोयल शबद सुनावन की
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| 7. | और बोलना शुरू करें ऐसे जैसे दादुर (मेंढक)
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| 8. | दादुर भी इतरात है, बरसा रस चहुँ ओर.
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| 9. | अब दादुर वक्ता भए, हम को पूछत कौन।
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| 10. | जित दादुर वक्ता भये इनको पूछत कौन ॥ ”
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