क्या दूसरी जाति में विवाह करना ही जातिवाद से अलग प्रदर्शित कर सकता हैं।
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क्या दूसरी जाति में विवाह करना ही जातिवाद से अलग प्रदर्शित कर सकता हैं।
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हमारे देश में दूसरी जाति में विवाह करने वाले आज भी मारे जा रहे हैं।
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हमारे देश में दूसरी जाति में विवाह करने वाले आज भी मारे जा रहे हैं।
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जिले में बीते वर्ष 19 जोड़ों ने अपने प्यार की खातिर जाति बंधन की दीवारों को गिराकर दूसरी जाति में विवाह रचाया है।
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किन्तु साथ ही लेखक एक प्रश्न भी छोड़ देता है कि, “अगर हमारे समाज के पढ़े-लिखे लड़के दूसरी जाति में विवाह करेंगे तो हमारे समाज की लड़कियां कहां जाएंगी।''
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युवक खुद दूसरी जाति में विवाह न करें, माता पिता की बात मानकर प्रेमिकाओं को धोखा देते फिरें, पर सामने अवश्य विरोध करेंगे, बडे बडे भाषण देंगे।
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युवक खुद दूसरी जाति में विवाह न करें, माता पिता की बात मानकर प्रेमिकाओं को धोखा देते फिरें, पर सामने अवश् य विरोध करेंगे, बडे बडे भाषण देंगे।
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उन्होंने बताया कि वर्ष 2006-0 7 और 2007-0 8 में यहां 12-12 जोड़ों ने जाति बंधनों की दीवारें तोड़ीं, वहीं 2008-0 9 में 18 जोड़ों ने दूसरी जाति में विवाह रचाए।
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अगर आप यह सोचते हैं कि ऐसी घृणित मानसिकता वाले लोग सिर्फ भारत में ही मौजूद हैं तो आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि दूसरी जाति में विवाह करने वालों को मौत की सजा सुनाने में इंगलैंड, फ्रांस, इटली, जर्मनी आदि देशों के अभिभावक भी पीछे नहीं हैं.