कृष्ण बालकों के अत्यन्त प्रिय पात्र हैं क्योंकि वे स्वयं भी बालक हैं जैसा कि अन्य कोई दैवी पुरुष नहीं।
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तीन वास्तविक-जीवन के उदाहरण दिखा देंगे अन्य दैवी पुरुष तथा महिलाओं ने अपनी जायदाद के मुद्दों का कैसे व्यवहार किया.
7.
एक दिन किसी दैवी पुरुष ने ऋषि को एक घोडा देते हुए कहा-भगवन्! आप इस घोडे को लीजिये, इसका नाम कुवलयाश्व है।
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वे कोई दैवी पुरुष नहीं बल्कि हमारी-आपकी तरह आम इंसान थे जिन्होंने अपने समय और राजनीति को समझने तथा उसका एक बेहतर विकल्प ढूँढने का सार्थक प्रयास किया.
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संसार की अन्य पुरालिपियों की उत्पत्ति के बारे में भी यही देखने को मिलता है कि प्राय: उनके जनक कोई न कोई दैवी पुरुष ही माने गए हें।
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बेच दिया गुजरात विकास के नाम पे, क्या सच मे गरीबो की हालत सुधारी है.......? सुना है की दंगो मे पेटसे थी जो औरते, ऊनको भी तलवार से रौँद दाला था, क्या ये ऊसी दैवी पुरुष को लाने की तय्यारी है....?