मीन-मेख निकालने में कमियां उजागर करना, व्यर्थ के दोष ढूंढना जैसी बाते शामिल हैं।
7.
दूसरों में दोष ढूंढना सिर्फ तभी ठीक है जब आपसे इसका आग्रह किया जा य.
8.
किन्तु एक निर्णय का समय भी आ गया है! या तो हम दोष ढूंढना शुरू करें...
9.
ध्यान रखें, किसी भी इंसान से गलती हो सकती है और जरुरी दोष ढूंढना नहीं, बल्कि रिश्ता संभालना है।
10.
फरिश्ता के अनुसार, ‘‘रजया सभी राजकीय गुणों से सम्पन्न थी और यदि कोई बारीकी से उसमें दोष ढूंढना चाहे तो उसे दोष नहीं मिलेगा, सिवाय इसके कि वह एक औरत थी।‘‘