| 1. | ज्यों जल-कमल पत्रपै परै, मुक्ताफल की द्युति विस्तरै॥8॥
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| 2. | द्युति का प्रसार किस प्रकार होता है,
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| 3. | किंतु इसकी द्युति पर इसमें प्रयुक्त बत्ती (
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| 4. | द्युति की अनुपस्थिति में रंग-सिद्धि नहीं होती।
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| 5. | जो द्युति महा-रतन में होय, काच-खंड पावै नहिं सोय॥20॥
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| 6. | द्युति की अनुपस्थिति में रंग-सिद्धि नहीं होती।
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| 7. | जा तन की झांई परति, श्याम हरित द्युति होय।
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| 8. | यह दृष्टि और द्युति का खेल है।
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| 9. | यह दृष्टि और द्युति का खेल है।
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| 10. | श्री के संवत्सर जागो द्युति की चक्रित चाहों में।
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