तो इज़राइल अरब संसार के नकारवाद की नकल क्यों कर रहा है? '
2.
तो इज़राइल अरब संसार के नकारवाद की नकल क्यों कर रहा है? '
3.
नास्टिसिज्म, क्रिश्चियन धर्म, अस्तित्ववाद, नकारवाद एवं अकॉल्ट टैरोट आदि से संदर्भित है.
4.
न भूलें, नकारवाद के जन्मदाता जैकोवी थे, जिसे तुर्गनेव ने अपने उपन्यास फादर्स ऐंड संस में पहली बार प्रतिष्ठापित किया।
5.
दर्शन के क्षेत्र में आल्बेयर काम के दर्शन को, जिसका निर्वचन उसने ‘द रेबेल' नामक कृति में किया है, वह क्या नकारवाद के गाल पर एक तमाचा है?
6.
इसी दौर में अगर दूधनाथ सिंह, ज्ञानरंजन, काशीनाथ सिंह और रवीन्द्र कालिया की कहानियों पर नज़र डालें तो उनमें एक निहिलिज़्म, एक नकारवाद साफ-साफ दिखायी देता है।
7.
फ़र्क़ बस इतना है कि पहले यह नकारवाद आत्म-हनन और अवसाद से रंजित था, धीरे-धीरे वह दूसरों के द्वेषपूर्ण हनन और आत्म-विभोरता और आत्म-गौरवीकरण की ओर चला गया है।
8.
कभी जनवाद, कभी पावर डिसकोर्स, कभी नकारवाद और कभी सह कारिता की बैसाखी से पैंतरा बदलना सिर्फ यही दिखाता है कि बात सिर्फ बात के लिए हो रही है।
9.
स्वतंत्र इच्छा, एक ओर, जिद्दीपन (waywardness) तथा नकारवाद (denial) की विरोधी है और, दूसरी ओर, सहजप्रभाव्यता (impressionable) तथा अनुकारिता (imitability) की प्रतिध्रुवस्थ।
10.
अभिषेक जी, मैं कुछ ठोस विकल् प सुझा रहा हूं, जिसे आप “ कभी जनवाद, कभी पावर डिसकोर्स, कभी नकारवाद और कभी सह कारिता की बैसाखी से पैंतरा बदलना ” कह रहे हैं।