| 1. | करुणा निधान सुजान सील सनेह जानत रावरो ।।
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| 2. | (डेरा श्रीमान १११ संत बाबा निधान सिंघ जी)
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| 3. | सूरदास चरनन रज माँगत, निरखत रुप निधान ॥
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| 4. | ध्रुव धारणा धार यह, राधिए मन्त्र निधान ।
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| 5. | भाव बस्य भगवान सुख निधान करुना भवन ।
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| 6. | ऋद्धि सिद्धि और नव निधान, दाता राम है
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| 7. | आप मूर्तिमान हैं निधान हैं दया के प्रभु
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| 8. | प्रेम में निहित होता है समस्याओं का निधान
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| 9. | प्रेम में निहित होता है समस्याओं का निधान
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| 10. | देखिला एकु ॥ ३३ ॥ जें पाताळींचेंही निधान ।
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