क्या भारतीय मूल का व्यक्ति जो भारत के बाहर निवास करता है, फेमा के निबंधनों के अनुसार पहले अधिगृहीत उपहार में दे सकता है?
2.
पंजीयक प्रत्यायन करार, पंजीयक पहुंच करार, मानक उद्योग प्रथाओं तथा प्रकाशित नीतियों की शर्तों और निबंधनों के अनुसार एक पंजीयक के रूप में कार्य कर सकते हैं।
3.
क् या भारतीय मूल का व् यक्ति जो भारत के बाहर निवास करता है, फेमा के निबंधनों के अनुसार पहले अधिगृहीत उपहार में दे सकता है?
4.
इसके समर्थन में हम आपके द्वारा दी गई निजी जानकारी का उपयोग मात्र आपके अनुभव को अधिक मनोरंजक बनाने के लिए नीचे बताए गए निबंधनों के अनुसार करते हैं।
5.
इसके समर्थन में, हम आपके द्वारा दी गई निजी जानकारी का उपयोग मात्र आपके अनुभव को अधिक मनोरंजक बनाने के लिए नीचे बताए गए निबंधनों के अनुसार करते हैं।
6.
पेशा कोड संख्या में ऐसी जानकारी रिकॉर्ड करना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित निबंधनों के अनुसार आवश्यक है और जमा राशियों के स्वामित्व के सर्वेक्षण से संबंधित आधारभूत सांख्यिकीय विवरणों का समेकन करने में इससे मदद मिलती है।
7.
3. रू.5 करोड़ का अधिगमन करने वाली गारंटियों के लिए, प्रथम रू.5 करोड़ तक के लिए लागू सामान्य दरों के अतिरिक्त शाखा को या तो सामान्य दरें वासूलनी होगी या फिर शेष रकम पर मज़ूरी के निबंधनों के अनुसार वासूलनी होगी।
8.
ऐसी द्विपक्षीय राहत देने में शामिल निम्नलिखित कदम हैं:-(क) आयकर अधिनियम के उपबंधों के अनुसार भारत में भुगतान योग्य कर देने वाला व्यक्ति की कुल आय की गणना (ख) दूसरी संविदाकारी कंपनी के साथ किए गए कर संधि के निबंधनों के अनुसार राहत अनुमत करना।
9.
फिर भी, मूल जमाकर्ता की मृत्यु होने पर, पति/पत्नी संयुक्त धारक या एकमात्र नामिति होने के कारण योजना के वर्तमान निबंधनों के अनुसार खाते को जारी रख सकते हैं, बशर्ते पति/पत्नी ने ऐसा कोई दूसरा खाता खोला भी है तो दोनों खातों की कुल जमा रू 15 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
10.
ऐसी द्विपक्षीय राहत देने में शामिल निम् नलिखित कदम हैं:-(क) आयकर अधिनियम के उपबंधों के अनुसार भारत में भुगतान योग् य कर देने वाला व् यक्ति की कुल आय की गणना (ख) दूसरी संविदाकारी कंपनी के साथ किए गए कर संधि के निबंधनों के अनुसार राहत अनुमत करना।