डी बाल वेंकटेश वर्मा संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण सम्मेलन हेतु भारत के स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त
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विश्व निरस्त्रीकरण सम्मेलन 1932 में जेनेवा में राष्ट्रसंघ द्वारा बुलाया गया जिसमें 60 राष्ट्रों के प्रतिनिधि थे.
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विश्व निरस्त्रीकरण सम्मेलन 1932 में जेनेवा में राष्ट्रसंघ द्वारा बुलाया गया जिसमें 60 राष्ट्रों के प्रतिनिधि थे.
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डी बाल वेंकटेश वर्मा संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण सम्मेलन, जिनेवा के लिए भारत के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किए गए.
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अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन गुलामी-विरोध आंदोलन और महिला मताधिकार आंदोलन में महत्वपूर्ण थे, और विश्व निरस्त्रीकरण सम्मेलन के समय एक चोटी पर पहुंच गए.
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[5] अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन गुलामी-विरोध आंदोलन और महिला मताधिकार आंदोलन में महत्वपूर्ण थे, और विश्व निरस्त्रीकरण सम्मेलन के समय एक चोटी पर पहुंच गए.[6] हालांकि, वाक्यांश “गैर सरकारी संगठन”
7.
परमाणु हथियारों के किसी भी संभावित खतरे से दुनिया को महफूज रखने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण सम्मेलन का उद्धाटन सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे।
8.
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अध्यक्ष अल बारादेई ने इस दिशा में भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए अपील की कि भारत निरस्त्रीकरण सम्मेलन में अहम भूमिका निभाए.
9.
पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया कि जैविक युद्ध के लिए एक अनुबंध द्वारा 1972 में स्थापित किया गया था जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन और 144 देशों में अब तक अपनाया पर हस्ताक्षर कि ए.
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[117] संघ प्रसंविदा ने संघ को प्रत्येक राज्य के लिए एक निरस्रीकरण योजना तैयार करने के लिए निर्दिष्ट किया परंतु परिषद ने इस जिम्मेदारी को 1926 में गठित विशेष आयोग को 1932-34 के विश्व निरस्त्रीकरण सम्मेलन की तैयारी करने के लिए सौंप दिया.