सुपर-३ ० के लिए प्रतिभाशाली और निर्धन होना ही योग्यता की कसौटी है।
3.
अर्थात् सहजता व आनंदित रहने के लिए धनी होना या कम धनी होना या निर्धन होना, यह सब कुछ भी महत्त्व नहीं रखता।
4.
भारतीय अर्थव्यवस्था में वैष्वीकरण का दबाव और 1990 के बाद आये उदारीकरण की वजह से लाखों लोगों का निर्धन होना भी एक प्रमुख कारण है।
5.
क्षत्रिय का निर्धन होना अनुचित नहीं है, क्योंकि वह स्वयं, प्रकृति के नियम से सृजन करने, ज्ञान के विस्तार और मन की शांति में लीन रहता है.
6.
यहाँ आप कहते हैं ‘ निर्धन होना दुर्भाग्य है ' और फिर अगली पोस्ट में अन्याय पर दृष्टिपात करते हुए आप ईसा, गांधी के साथ-साथ मार्क्स को भी लपेट लेते हैं.
7.
जल संरक्षण का कार्य कुआं, बावली, तालाब, पोखरे आदि बनाकर किया जाता था किसी समाज को गुलाम बनाने के लिए उसका असहाय या निर्धन होना साथ ही उसका शासन पर निर्भर होना आवश्यक होता था ।
8.
यह कोई जरूरी नहीं है कि वह आदमी अच्छा पढ़ा-लिखा होना चाहिए या अनपढ़ होना चाहिए, बहुत धनवान होना चाहिए या निर्धन होना चाहिए, बच्चा होना चाहिए या जवान होना चाहिए या बूढ़ा होना चाहिए ऐसा कोई नियम नहीं है।
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यह कोई जरूरी नहीं है कि वह आदमी अच्छा पढ़ा-लिखा होना चाहिए या अनपढ़ होना चाहिए, बहुत धनवान होना चाहिए या निर्धन होना चाहिए, बच्चा होना चाहिए या जवान होना चाहिए या बूढ़ा होना चाहिए ऐसा कोई नियम नहीं है।
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कुँवरानी निशा कँवर नरुका धनवान होना या निर्धन होना अपने आप में कोई बुराई नहीं है | किन्तु चूँकि यह युग अर्थ युग है और इसमें प्रत्येक गणना अर्थ से शुरू होती है और अर्थ पर ही समाप्त होजाती है | इसलिए इस युग म...