| 1. | पर बने निषेक के साथ विलोड़ित करते हैं।
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| 2. | पर बने निषेक के साथ विलोड़ित करते हैं।
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| 3. | अन्तः शिरा निषेक की आवश्यकता होती है.
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| 4. | वैखानस ने संस्कारों का वर्णन निषेक से आरम्भ किया है।
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| 5. | यह इसे निषेक भी कहता है balloon title = ” 6 ।
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| 6. | मूल प्रकृति-स्थिति बन्ध का स्थितिबन्ध स्थान प्ररूपणा, निषेक प्ररूपणा, आबाधकाण्ड प्ररूपणा और अल्पबहुत्व प्ररूपणा द्वारा विवेचन किया है।
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| 7. | ==== गर्भाधान (निषेक), चतुर्थीकर्म या होम ==== मनु balloon title = ” मनु, 2 ।
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| 8. | किन्तु वैजवाप गृह्यसूत्र में गर्भाधान (निषेक) से लेकर चौल तक के सात संस्कार शूद्रों के लिए मान्य हैं।
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| 9. | मूल प्रकृति-स्थिति बन्ध का स्थितिबन्ध स्थान प्ररूपणा, निषेक प्ररूपणा, आबाधकाण्ड प्ररूपणा और अल्पबहुत्व प्ररूपणा द्वारा विवेचन किया है।
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| 10. | 1 ” style = color: blue > * / balloon > ने निषेक को गर्भाधान के समान माना जाता है।
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