नैतिक विश्वास की तलाश में स्त्री-भाषा, खुले हैं सभी दरवाजे
2.
कई मौजूदा आपदा केवल चुनावी खेल नहीं है, लेकिन नैतिक विश्वास करते हैं.
3.
समष्ठिवादियों की सैद्धांतिकी इस नैतिक विश्वास पर टिकी है कि मनुष्य अपना लक्ष्य स्वयं को नहीं बना सकता.
4.
लेकिन स्त्री-भाषा, पुरुषों की भाषा की तरह हिंसक भाषा बनने के बजाय प्रतिपक्ष के बीच नैतिक विश्वास की तलाश करती है।
5.
दूसरे शब्दों में हमारे लिए शांतिपूर्ण तरीके न नैतिक विश्वास हैं और न दांवपेंच हैं, बल्कि हमारे लिए ये एक नीति है-गंभीर अर्थ व्यक्त करने वाली नीति।
6.
शिक्षा सिर्फ़ डिग्री लेने के लिए नहीं होनी चाहिए बल्कि लड़कों को नैतिक विश्वास देने के लिए होनी चाहिए कि वे अपनी ज़रूरतें मेहनत करके पूरी कर सकते हैं न कि दहेज़ जैसे रास्तों के ज़रिए.
7.
दूसरा प्रमाण यह है कि प्रत्येक व्यक्तिमें एक नैतिक विश्वास रहता है और वह यह सोचकर काम करता है कि जो कुछ वहकर रहा है वह यथार्थ संसार में काम कर रहा है, न कि स्वप्न में.
8.
कविता मेरे लिए कुछ वे पंक्तियाँ बन गईं जो आपको हिलाकर रख दे, एक छोटा-सा ही सही, मगर झटका ज़रूर दे, आपकी तंद्रा भंग कर दे, आपको आत्मशक्ति दे, आपका नैतिक विश्वास डगमग ना होने दे, आपको एक अच्छा इंसान बनाने में मदद करे।
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न नैतिक विश्वास, न दावंपेंच बिल्क एक गंभीर नीति अनेक लोगों द्वारा यह सवाल बार-बार पूछा जाता हैः क्या अब कम्युनिस्टों ने शांतिपूर्ण तरीकों को एक नैतिक विश्वास के रुप में अपनाया है अथवा एक दांवपेंच यानी कपट व्यापार के रुप में? इस सवाल का हमारा साफ जवाब है:
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न नैतिक विश्वास, न दावंपेंच बिल्क एक गंभीर नीति अनेक लोगों द्वारा यह सवाल बार-बार पूछा जाता हैः क्या अब कम्युनिस्टों ने शांतिपूर्ण तरीकों को एक नैतिक विश्वास के रुप में अपनाया है अथवा एक दांवपेंच यानी कपट व्यापार के रुप में? इस सवाल का हमारा साफ जवाब है: