| 1. | परोक्ष ज्ञान से युक्त व्यक्ति को कवि कहा जाता है।
|
| 2. | परोक्ष ज्ञान से युक्त व्यक्ति को कवि कहा जाता है।
|
| 3. | परोक्ष ज्ञान बांधता है, प्रत्यक्ष ज्ञान मुक्त करता है।
|
| 4. | यह सब उपदेशों से, यानि परोक्ष ज्ञान से नहीं.
|
| 5. | तत्वार्थसूत्र में मति और श्रुत को परोक्ष ज्ञान कहा गया है।
|
| 6. | यह प्रत्यक्ष तथा परोक्ष ज्ञान हमें मुक्ति देते हैं।‘ज्ञानान् मुक्तिः ' है, न।
|
| 7. | परोक्ष ज्ञान के पांच भेद हैं-स्मृति, प्रत्यभिज्ञान, तर्क अनुमान और आगम।
|
| 8. | यह परोक्ष ज्ञान के अंतर्गत ‘ ब्रह्म '-परमात्मन् के लिए प्रयुक्त हुआ है।
|
| 9. | परोक्ष ज्ञान-मधुजिह्न अर्थात् मधुरभाषिता के अतिरिक्त नराशंस का सर्वाधिक विशेष गुण परोक्ष ज्ञान बताया गया है।
|
| 10. | मन और इन्द्रियों से प्राप्त होने वाले ज्ञानों को भी परोक्ष ज्ञान ही कहा गया है।
|