| 1. | इस तरह पापरहित होकर उसे मोक्ष की प्राप्ति
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| 2. | क्यों? क्योंकि आप पापरहित हैं? नहीं।
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| 3. | भगवान ने उत्तर दिया-हे पापरहित (अर्जुन),
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| 4. | इस तरह पापरहित होकर उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।
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| 5. | चारों ही पुण्यात्मा, पापरहित और उदार हैं.चारों ही चतुर हैं
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| 6. | आप अन्तरहित, पापरहित अनेक (सब रूपोंमें
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| 7. | जिसने तपस्या से अपने को पापरहित कर लिया था ।
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| 8. | परंतु इसके लिए ‘‘ विगतकल्मषः-पापरहित होना जरूरी है।
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| 9. | -नियमपूर्वक संध्या करने से पापरहित होकर ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है।
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| 10. | संसार के लोग तुम्हारे दर्शन करने से पापरहित हो जाते हैं।
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