| 1. | पिधान नया और मोटे रबर का होना चाहिए।
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| 2. | पिधान नया और मोटे रबर का होना चाहिए।
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| 3. | पिधान को प्रयोग करते समय उसमें कोई शुक्राणुनाशक वस्तु (जेली) भर देनी चाहिए।
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| 4. | पिधान को प्रयोग करते समय उसमें कोई शुक्राणुनाशक वस्तु (जेली) भर देनी चाहिए।
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| 5. | प्रथम तंतु पर मेदस पिधान (मायलीन शीथ) चढ़ा रहता है, दूसरे तंतु पर नहीं होता।
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| 6. | प्रथम तंतु पर मेदस पिधान (मायलीन शीथ) चढ़ा रहता है, दूसरे तंतु पर नहीं होता।
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| 7. | धूसर पदार्थ में तंत्रिका कोशाणु, में दस पिधान युक्त अथवा अयुक्त तंत्रिकातंतु तथा न्यूरोग्लिया होते हैं।
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| 8. | धूसर पदार्थ में तंत्रिका कोशाणु, में दस पिधान युक्त अथवा अयुक्त तंत्रिकातंतु तथा न्यूरोग्लिया होते हैं।
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| 9. | उनका कथन है कि पिधान के प्रयोग से मैथुन के समय की भावनाएँ नष्ट हो जाती हैं।
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| 10. | उनका कथन है कि पिधान के प्रयोग से मैथुन के समय की भावनाएँ नष्ट हो जाती हैं।
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