| 1. | पादादिजानुपर्यंतं पृथ्वीस्थानं तच्चतुरस्त्रं पीतवर्ण ब्रह्मदैवतं वमिति बीजयुक्तं ध्यायेत्।
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| 2. | त्रेता में रक्तवर्ण तथा द्वापर में पीतवर्ण के थे।
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| 3. | इनके रंग काफी से लेकर पीतवर्ण के होते हैं।
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| 4. | स्वाभाविक पीतवर्ण धूप के चरण चिह्नों पर पड़े हुए धूल
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| 5. | बावजूद इसके रहा वह दुबला-पतला कमजोर और पीतवर्ण ही।
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| 6. | सिंहासन, मंडप तथा आसपास का वातावरण सब पीतवर्ण के हैं।
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| 7. | गुरु पुरुष जाति का, पीतवर्ण आकाश तत्व वाला ग्रह है।
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| 8. | कारण महाराज का मुखमयंक पीतवर्ण और शरीर कृमिखादित काष्ठ की भाँति
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| 9. | गौरवर्ण केअंकन में चित्रकार ने पीतवर्ण का ही बहुधा प्रयोग किया है.
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| 10. | बीज चपटे पीतवर्ण के छोटे काले चिह्नों से युक्त अंडाकार होते हैं।
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