| 1. | अलप तो अवधि तामें जीव बहु सोच पोच,
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| 2. | बाज बाज आवे नहीं, हलकट निश्चर पोच |
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| 3. | तुलसी संगति पोच की सुजनहि होति म\-दानि ।
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| 4. | हलकट निश्चर पोच, सोच के कहता रविकर |
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| 5. | मेरी संगति पोच सोच दिनु राती ॥
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| 6. | सुजन कहत भल पोच पथ, पापि न परखइ भेद।
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| 7. | लोग कहें पोच, सो न सोच न संकोच मेरे,
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| 8. | कोई अनमिल भाव से, कर्म करे यदि पोच ।
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| 9. | वरना क्या हस्ती है तेरी, पोच तू ;
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| 10. | पोच रंगों का खेल नहीं दिखाती है.
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