| 1. | तंतुकोशिका, अंतर्त्वचा कोशिका और चिकनी पेशी कोशिका प्रफलन
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| 2. | इस युग्मज का बार-बार सूत्रीविभाजन और प्रफलन होकर पुनः द्विगुणित जीव का विकास होता है.
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| 3. | अणुओं के प्रफलन, घाव की शैय्या की ओर प्रवास, और उत्पादन को प्रोत्साहित करते हैं.
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| 4. | इस युग्मज का बार-बार सूत्रीविभाजन और प्रफलन होकर पुनः द्विगुणित जीव का विकास होता है.
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| 5. | प्रफलन अवस्था में रक्तवाहिकानिर्माण, कोलेजन भंडारण, कणांकुर ऊत्तकों का निर्माण, उपत्वचीकरण, और घाव का संकुचन होता है.
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| 6. | प्रफलन अवस्था में रक्तवाहिकानिर्माण, कोलेजन भंडारण, कणांकुर ऊत्तकों का निर्माण, उपत्वचीकरण, और घाव का संकुचन होता है.
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| 7. | ये परिवर्तन संकेत देते हैं कि शोथकारी अवस्था समाप्त हो रही है और प्रफलन अवस्था शुरू होने वाली है.
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| 8. | अंतर्कलीय विकास और प्रफलन भी आक्सीजन की अल्पता और घाव में लैक्टिक अम्ल की मौजूदगी द्वारा सीधे उत्तेजित होता है.
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| 9. | [13] ये परिवर्तन संकेत देते हैं कि शोथकारी अवस्था समाप्त हो रही है और प्रफलन अवस्था शुरू होने वाली है.
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| 10. | प्रफलन में संकुचन का चरण पेशीतंतुकोशिकाओं के संकुचन बंद करने और स्वतःकोशिकामृत्यु कर लेने के साथ समाप्त हो जाता है.
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