| 1. | यह आत्मा के बन्ध की स्थिति है ।
|
| 2. | फिर कई तरह के बन्ध होते रहते हैं।
|
| 3. | दोहरे बन्ध सिस हैं और एक मिथाइलीन (
|
| 4. | इनमें केवल कार्बन-कार्बन एक बन्ध पाया जाता हैं।
|
| 5. | तृण दूध के भाव में बन्ध जाते हैं।
|
| 6. | न ही शिष्य के कर्म बन्ध काटता है।
|
| 7. | गहन वार्तालाप, परिचय के सारे बन्ध खोलता हुआ।
|
| 8. | किंतु निबन्ध के भीतर एक बन्ध रहता है.
|
| 9. | इन्हें योग, बन्ध और विभूति कहते हैं।
|
| 10. | अंतिम बन्ध से भी यही लग रहा है।
|