| 1. | -” अब दिल है मुकाम बेकसी का
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| 2. | इन्तहां है बेकसी की, बेदिली की, ज़ुल्म की,
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| 3. | आज अपनी बेकसी पे मत खलिश आंसू बहा.
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| 4. | बेकसी ने बे-ज़बानी को ज़बां क्या बख़्श दी
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| 5. | हम दर्द न मिला कोई बेकसी के लिए,
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| 6. | तेरे दरे आस्ता, सबब बेकसी मेरी,
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| 7. | बेकसी और मुफ़लिसी को देख अपनी रो गया
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| 8. | जीवन व्यतीत करता हूं किस बेकसी से मैं
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| 9. | कुछ माजियों की कतरने थीं, कुछ रातों की बेकसी
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| 10. | मेरी यह बेकसी यारब, क़यामत होती जाती है
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