| 1. | सकल कुसुम रस पान करि मधुप रसिक सिरताज।
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| 2. | मधुप गुन-गुनाकर कह जाता कौन कहानी अपनी यह,
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| 3. | का क्रन्दन भुला देगी मधुप की मधुर गुनगुन
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| 4. | कली ने कहा पर मधुप ने न माना।
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| 5. | मधुप जी से यह बतकहीं इसप्रकार है:
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| 6. | बहुत-बहुत आभार मधुप श्रीवास्तव जी!
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| 7. | पश्चात डॉ. मधुप मोहता ने अपनी नव-प्रकाशित पुस्तक
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| 8. | पोद्दार-मन बन मधुप हरिपद-सरोरुह...
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| 9. | कली ने कहा पर मधुप ने न माना।।
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| 10. | मधुर गुंजन मधुप का गांडीव की टंकार है
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