| 1. | लागी चोट मरम की रहिओ कबीरा ठउर ॥१८२॥
|
| 2. | मूरख बैद मरम नहिं जाणे, कसक कलेजे मांह॥
|
| 3. | मरम अल-मसरी: अपनी नग्नता की पोशाक में
|
| 4. | भजन-कोइ जान रे मरम माधइया केर...
|
| 5. | ज़िन्दगी का मैं मरम आज खलिश कहता हूं
|
| 6. | राम नाम भज निस दिन बंदे और मरम पाखण्डा,
|
| 7. | राम नाम का मरम है आना ।।
|
| 8. | उमा मरम यह काहु ¡ न जाना।।
|
| 9. | प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिये तुम
|
| 10. | उसका मरम सहज योग वाला है.
|