| 1. | इसलिए मानवीय संबंध इतने उलझ जाते हैं।
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| 2. | पूंजीवादी समाज में सारे मानवीय संबंध स्वैच्छिक होते हैं।
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| 3. | 6. मानवीय संबंध और अवचेतन
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| 4. | सारे मानवीय संबंध समाप् त हो रहे हैं. ”
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| 5. | मानवीय संबंध का इससे बड़ा हसास और क्या हो सकता है?
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| 6. | जितना कुछ हो पाया है उसका आधार मानवीय संबंध ही रहा है।
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| 7. | जितना कुछ हो पाया है उसका आधार मानवीय संबंध ही रहा है।
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| 8. | मानवीय संबंध कभी नहीं टूटते, हमेशा व्यक्ति की अपेक्षाएँ टूटती हैं ।
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| 9. | जय वर्मा ने मानवीय संबंध और नारी पर विस्तार से प्रकाश डाला।
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| 10. | गांधी के विचार में सभी मानवीय संबंध ईश्वरीय इच्छा पर आधारित होते है।
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