| 1. | मुंसिफ़ की शकल में है मुद्दई छिपा बैठा
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| 2. | मुंसिफ़ बदल गये तो कभी अदालत बदल गई
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| 3. | बने हैं अह्ल-ए-हवस, मुद्दई भी मुंसिफ़ भी
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| 4. | क्या जमाना आ गया क़ातिल सभी मुंसिफ़ हुए,
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| 5. | फ़ैसला मुंसिफ़ करेगा क्या, मुझे मालूम है
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| 6. | करे कौन इंसाफ़ मुंसिफ़ ही बहरे,
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| 7. | क़ातिल ही निकल गया जब मुंसिफ़ मेरा
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| 8. | सूली चढ़ा दिया था जी, मुंसिफ़ ने कल जिसे,
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| 9. | अपना गवाह भी वही, मुंसिफ़ भी वही...
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| 10. | मुंसिफ़ था ज़ालिम न इलज़ाम मिटे मेरे.
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