| 1. | उर्दू में सम्पादक को मुदीर कहते हैं।
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| 2. | उर्दू में सम्पादक को मुदीर कहते हैं।
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| 3. | इस तरह मुदीर का अर्थ हुआ संचालक, निर्देशक, नियंत्रक आदि।
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| 4. | इस तरह मुदीर का अर्थ हुआ संचालक, निर्देशक, नियंत्रक आदि।
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| 5. | किताब का नाम-' चमन-दर-चमन' मुदीर-निसार अहमद नाशिर-अदबी संगम धार क़ीमत-रु.
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| 6. | उर्दू के कई मेयारी रिसाइल जैसे तहरीक, गुलफ़िशाँ, निगार, उमंग और एवान-ए-उर्दू के मुदीर रहे।
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| 7. | उर्दू अदब की कई किताबों के मुदीर होने का सेहरा भी आपके सर बंध चुका है।
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| 8. | किताब का नाम-' चमन-दर-चमन ' मुदीर-निसार अहमद नाशिर-अदबी संगम धार क़ीमत-रु. 100 /-सिर्फ़
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| 9. | रिसाले के मुदीर को बैसाखी, सफ़हात को करंसी, तारीफ़ी ख़ूतूत को गीव एण्ड टेक और एकेडमियों को नक़ली कारतूस का कारख़ाना कहते थे.
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| 10. | सम्पादक जैसी व्यवस्था बीती कुछ सदियों की देन है जिसके लिए यह शब्द चुना गया तब से मुदीर शब्द सम्पादक के लिए रूढ़ हो गया है।
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