| 1. | रवि मेषादि 12 राशियों से भ्रमण करता है।
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| 2. | सौर मास मेषादि सौरमासांस्ते भंवति रविसंक्रमात्।
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| 3. | ग्रह की मेषादि के सापेक्ष पृथ्वी की परिक्रमा को एक भगण कहते हैं।
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| 4. | वैसे शनिदेव मेषादि राशियों का चक्कर 30 वर्ष में पूरा कर लेते हैं।
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| 5. | मेषादि द्वादश राशियां अग्नि, पृथ्वी, वायु और जल के क्रम में होती हैं।
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| 6. | ग्रह की मेषादि के सापेक्ष पृथ्वी की परिक्रमा को एक भगण कहते हैं।
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| 7. | सूर्य के समान ही चन्द्रमा भी मेषादि बारह राशियों में क्रमशः संचरण करता है।
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| 8. | जन्म कुंडली में चन्द्र का मेषादि राशियों में स्थित होने का फल इस प्रकार है:-
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| 9. | और ग्रह-वेध, ग्रहण सहित दृष्ट फल का विचार दृष्ट सयन मेषादि ग्रहों के आधार पर होता है.
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| 10. | मेषादि द्वादश राशियों के लग्न में निर्मित होने वाले कालसर्प योगों का विभिन्न रूपों में अलग-अलग प्रभाव होता है।
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