(क) अंतर्दहन इंजन को हाथ से या किसी विशेष आरंभ यंत्रविन्यास (
3.
ट्रैक्टर चेजिस के अंतर्गत ढाँचा, पहिए या कर्षण के अन्य साधन और मोड़न यंत्रविन्यास (
4.
जैसे पट्टक घिरनी आदि उपकरणों की सहायता से स्थिर या चल यंत्रों के यंत्रविन्यास (
5.
ऐसा भी यंत्रविन्यास होता है कि तारपीडो अपने मार्ग को एक या अनेक बार बदल सके।
6.
ट्रैक्टर के इंजन की शक्ति को इसके पहियों या लीकों में पारेषित करनेवाले यंत्रविन्यास के तीन भाग हैं:
7.
रोधक्षमता स्वयं-रक्षा यंत्रविन्यास है जिसके द्वारा शरीर स्वयं को आक्रमण करने वाले रोगाणुओं और जीवाणु से बचाता है।
8.
मोड़न यंत्रविन्यास का सबसे प्रमुख भाग गियर है जो मोड़न चक्र से मोड़न दंड को गति पारेषित करता है।
9.
जब हमारे शत्रु, बीमारी उत्पन्न करने वाले जीवाणु से सामना होता है, तो उसके लिए हमारे शरीर में एक सन्निहित रक्षा यंत्रविन्यास है।
10.
लाइन अभिकल्प के प्ररूप एवं अभिकल्प, विद्युतरोधियों का प्ररूप और उनको लगाने का यंत्रविन्यास तथा संरक्षणतंत्रा किसी भी योजना के लिए आर्थिक पहलू सबसे महत्वपूर्ण होता है।