| 1. | याचन करने योग्य हों, तो माँगना ज़रूर ।
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| 2. | याचन करना तो रहा, स्त्रीत्व-लब्ध गुण स्त्रैण ॥
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| 3. | याचन से बदतर नहीं, जिह्वा को अपमान ॥
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| 4. | याचन करना मनुज को, देता है आनन्द ॥
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| 5. | याचन करने से अधिक, निश्चय दुख का हेतु ॥
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| 6. | उनसे याचन भी रहा, देना ही सम जान ॥
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| 7. | उनके सम्मुख जा खड़े, याचन में भी शान ॥
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| 8. | याचन रूपी नाव यदि, जो रक्षा बिन नग्न ।
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| 9. | दिल गलता है, ख्याल कर, याचन का बदहाल ।
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| 10. | दाता हैं जग में, तभी, याचन है स्वीकार ॥
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