| 1. | फिर कल्पद्रुम निकला और रम्भा नामक अप्सरा निकली।
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| 2. | “ हरीश पाठक से, रम्भा हँसने लगी।
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| 3. | फिर कल्पद्रुम निकला और रम्भा नामक अप्सरा निकली।
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| 4. | वसिष्ठ ऋषि । रम्भा तथा सहजन्या अप्सरा ।
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| 5. | फिर कल्पद्रुम निकला और रम्भा नामक अप्सरा निकली।
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| 6. | रम्भा की साड़ी अरगनी पर पड़ी हुई थी।
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| 7. | उन्होंने रम्भा की तरफ़ देखा भी नहीं.
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| 8. | रम्भा की साड़ी अरगनी पर पड़ी हुई थी।
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| 9. | रम्भा कैसा प्रश्न किया सहजन्ये, कैसे करूं निवारण?
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| 10. | रम्भा--क्या असगुन बकते हो!
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