एक वर्त्स्य (एल्विओलर) क्लिक की ध्वनि सुनिए-इसे अ॰ध॰व॰ में
2.
ज़ को भाषाविज्ञान के नज़रिए से “घोष वर्त्स्य संघर्षी” वर्ण कहा जाता है।
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ज़ को भाषाविज्ञान के नज़रिए से “घोष वर्त्स्य संघर्षी” वर्ण कहा जाता है।
4.
दन्त्य व्यंजन वर्त्स्य व्यंजनों से अलग दिखाने के लिये ऐसे लिखे जा सकते हैं:
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दन्त्य व्यंजन वर्त्स्य व्यंजनों से अलग दिखाने के लिये ऐसे लिखे जा सकते हैं:
6.
अ॰ध॰व॰ में सारी भिन्न क्लिक ध्वनियों के लिए चिन्हों का प्रबंध किया गया है, जैसे की वर्त्स्य (एल्विओलर) क्लिक के लिए
7.
अ॰ध॰व॰ में सारी भिन्न क्लिक ध्वनियों के लिए चिन्हों का प्रबंध किया गया है, जैसे की वर्त्स्य (एल्विओलर) क्लिक के लिए ǁ (दो-नली) के चिन्ह का प्रयोग होता है।
8.
८ के अनुसार है. संघर्षी: कोरियाई भाषा में तीन संघर्षी ध्वनियां जो स्वनिम के रूप में प्रयुक्तहोती हैं वे हैं/स्/,/स् ~/, और/ह्/,/स्/उच्चारण अघोष, वर्त्स्य संघर्षी व्यंजन केरूप में होता है तो/ह्/काकल्य सघोष संघर्षी व्यंजन के रूप में उच्चारित होताहै.
9.
८ के अनुसार है. संघर्षी: कोरियाई भाषा में तीन संघर्षी ध्वनियां जो स्वनिम के रूप में प्रयुक्तहोती हैं वे हैं/स्/,/स् ~/, और/ह्/,/स्/उच्चारण अघोष, वर्त्स्य संघर्षी व्यंजन केरूप में होता है तो/ह्/काकल्य सघोष संघर्षी व्यंजन के रूप में उच्चारित होताहै.
10.
पश्च-वर्त्स्य वे ध्वनियाँ जो कठोर तालु के अग्र भाग तथा वर्त्स्य के बीच के स्थान से उच्चरित होती हैं उन्हें पश्च-वर्त्स्य ध्वनियाँ कहते हैं, जैसे-' ट्, ठ्, ड्, ड़्, ढ्, ढ़्, ण् ' ।