| 1. | वेदनीय, आई यु सी ऐन लाल सूची देखें।
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| 2. | इसका लक्षण ‘ प्रतिकूल वेदनीय ‘ कहा गया है।
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| 3. | वर्तमान) और अदृष्ट(भविष्य) दोनों प्रकार के जन्मों में वेदनीय (भोगेजाने
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| 4. | नरक गति असाता वेदनीय आदि अशुभ
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| 5. | आयु, नाम, गोत्र और वेदनीय ये चार अघातिया कर्म ।
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| 6. | 3. वेदनीय कर्म-वह कर्म जिससे आत्मा को साताका-सुख का और असाताका-दुःख का अनुभव हो।
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| 7. | यह (वध आदि) देवों के प्रिय से अत्यंत वेदनीय (दु:खदायी) और गुरु (भारी) माना गया है।
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| 8. | प्राणी भूत जीवों को वेदना देते हैं, तो हमारे असाता वेदनीय कर्मो का बंध होता है।
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| 9. | जो वेदन अर्थात सुख या दु: ख का अनुभवन किया जाता है वह वेदनीय कर्म है,
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| 10. | सुख तथा दु: ख का वेदन कराने वाले क्रमश: साता व असाता नामक दो वेदनीय कर्म हैं।
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