व्यवहारवादी मनोविज्ञान से संबद्ध भाषावैज्ञानिक विचार-धारा को वर्गिकी विचारधारा कहते हैं ।
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व्यवहारवादी मनोविज्ञान से संबद्ध भाषावैज्ञानिक विचार-धारा को वर्गिकी विचारधारा कहते हैं ।
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व्यवहारवादी मनोविज्ञान में अधिगम दो तत्त्वों के संसर्ग से संबंध रखता है:-उद्दीपन/उत्तेजना और अनुक्रिया ।
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व्यवहारवादी मनोविज्ञान में अधिगम दो तत्त्वों के संसर्ग से संबंध रखता है:-उद्दीपन/उत्तेजना और अनुक्रिया ।
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व्यवहारवादी मनोविज्ञान ने अधिगम के संबंध में जो स्थापनाएँ की हैं वे प्रयोगजन्य हैं और अनुभवजन्य हैं ।
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व्यवहारवादी मनोविज्ञान ने अधिगम के संबंध में जो स्थापनाएँ की हैं वे प्रयोगजन्य हैं और अनुभवजन्य हैं ।
7.
अनुशिक्षण सिद्धांत व्यवहारवादी मनोविज्ञान से जुड़ा हुआ है और यह भाषाअधिगम को सभी स्तरों पर अर्थात् स्वनप्रक्रिया वाक्य एवं अर्थस्तरों पर ' अनुक्रियाओं' (रिस्पोंसेज़) का 'अनुकूलन' (कंडीशर्निंग) करता है.
8.
व्यवहारवादी मनोविज्ञान के अंतर्गत अधिगम के इन दो तत्त्वों को थार्नडाइक ने संबद्ध सिद्धांत, वाटसन, पॉवलाव आदि ने अभ्युनुकूलन सिद्धांत और स्किनर ने पुनर्बलन सिद्धांत के परिप्रेक्ष्य में अध्ययन प्रस्तुत किया ।
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व्यवहारवादी मनोविज्ञान के अंतर्गत अधिगम के इन दो तत्त्वों को थार्नडाइक ने संबद्ध सिद्धांत, वाटसन, पॉवलाव आदि ने अभ्युनुकूलन सिद्धांत और स्किनर ने पुनर्बलन सिद्धांत के परिप्रेक्ष्य में अध्ययन प्रस्तुत किया ।
10.
अवयववादी मनोविज्ञान से संबद्ध भाषावैज्ञानिकों ने यह घोषणा करके कि ‘भाषा न आदत की संरचना है और न आदतनिर्माण प्रक्रिया ', व्यवहारवादी मनोविज्ञान के अधिगम से संबद्ध, अभ्यनुकूलन और पुनर्बलन सिद्धांतों पर प्रश्न चिन्ह लगा दिये ।