| 1. | प्यार के बूटे खिलेंगे नढ़रतों की शाख़ पर
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| 2. | हर शाख़ के ख़ुश्क नीस्त, रक़सां गरदद ।
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| 3. | फूल और कांटे एक ही शाख़ पर हैं।
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| 4. | वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते
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| 5. | वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते
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| 6. | आँगन में नीम शाख़ पे चिड़ियों का घोसला
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| 7. | शाख़ भी टूटे तो कटता हुआ जंगल देखें.
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| 8. | प्यार के बूटे खिलेंगे नढ़रतों की शाख़ पर
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| 9. | दहशतगरों ने फूँक दिए कितने शाख़ ओ गुल
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| 10. | हैरत है शाख़ पर कोई पत्ता हरा नहीं.
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