| 1. | गुजरात की समुद्री मात्स्यिकी के कुछ पर्याबरणीय संघात.
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| 2. | देहादि समस्त संघात मायाजन्य स्वप्न के समान हैं।
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| 3. | बाह्य पदार्थ “ स्वलक्षणों ” के संघात हैं।
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| 4. | सुख-दुःख इच्छा द्वेष धृत्ति संघात एवं चेतना |
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| 5. | गुजरात की समुद्री मात्स्यिकी के कुछ पर्याबरणीय संघात
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| 6. | दु: ख, क्लेशादि का संघात उसे ज्ञात होता है।
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| 7. | अमेजोनियन क्षेत्रों के कुछ उल्का संघात क्रेटर है।
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| 8. | (६) आमाशयिक तथा आंत्रिक वातनाड़ी संघात की अवस्था में.
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| 9. | ‘ऋतुसंहार ' का शाब्दिक अर्थ है ऋतुओं का संघात या
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| 10. | यह व्यवस्था कामधातु के संघात के बारे में है।
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