| 1. | ये सब व्यक्त-अव्यक्त सत्त्व मेरे स्वरूप नहीं हैं।
|
| 2. | वैनिला के सत्त्व दो रूपों में आते हैं.
|
| 3. | वैनिला के सत्त्व दो रूपों में आते हैं.
|
| 4. | समस्त शुभकर्म सत्त्व का परिणाम होते हैं ।
|
| 5. | अविद्या ही सत्त्व, रजस व तमस है ।
|
| 6. | अशुद्ध सत्त्व की प्रधानता को ' अविद्या '
|
| 7. | विषयांवरी ॥ २१३ ॥ एवं सत्त्व वाढे ।
|
| 8. | भगवन्! आप सत्त्व गुण के आशर्य हंै।
|
| 9. | ये गुण मुख्यतः तीनप्रकार--सत्त्व, रज और तम हैं.
|
| 10. | अनाजकी भूसीमें सत्त्व और क्षार भी रहते हैं ।
|