| 1. | उल्टा-सीधा, सत्य-असत्य वाचन करता ही रहता है।
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| 2. | समस्त कार्यों में सत्य-असत्य का ध्यान रखना चाहिए।
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| 3. | जब तक सत्य-असत्य, धर्मं-अधर्म का अस्तीत्व बना रहेगा!
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| 4. | उसमें सत्य-असत्य, न्याय-अन्याय का विचार नहीं रहेगा।
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| 5. | अर्थात् मनुष्य को सत्य-असत्य का बोध करवा दिया था।
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| 6. | सत्य-असत्य, न्याय-अन्याय, धर्म-अधर्म एक दूसरे के विलोम है ।
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| 7. | (मनुष्य का आत्मा सत्य-असत्य का जानने हारा है-सत्यार्थ प्रकाश)
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| 8. | सत्य-असत्य झंझावात मन के परेशान क्यों?
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| 9. | हालांकि सत्य-असत्य का निर्णय विचार से सम्भव नहीं होता है।
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| 10. | सत्य-असत्य, न्याय-अन्याय,पाप और पुण्य दोनो रहे हैं और दोनो रहेंगे।
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