सामान्यत: सनसनीखेज शीर्षक देकर कुछ चिट्ठाकार अपनी पीठ स्टेट्स काउन्टर से थपथपा रहे हैं।
3.
सनसनीखेज शीर्षक डालने के चक्कर में आपने इस मर्मस्पर्शी दास्ताँ के साथ जो अन्याय किया है, वो अक्षम्य है.
4.
मॉडरेटर महोदय, सनसनीखेज शीर्षक डालने के चक्कर में आपने इस मर्मस्पर्शी दास्ताँ के साथ जो अन्याय किया है, वो अक्षम्य है.
5.
मैं आपकी लेखनी का प्रशंसक हूं लेकिन इस तरह के सनसनीखेज शीर्षक और लेखन की उम्मीद मैं आपसे नहीं कर सकता।
6.
मैं आपकी लेखनी का प्रशंसक हूं लेकिन इस तरह के सनसनीखेज शीर्षक और लेखन की उम्मीद मैं आपसे नहीं कर सकता।
7.
संपादकीय का जब मूल शीर्षक आपके पास उपलब्ध था तब इस सनसनीखेज शीर्षक को देने के पीछे का उद्देश्य क्या है?
8.
हाँ, एक बात और, हम सब यह जो सनसनीखेज शीर्षक की बात कर रहे हैं तो उससे क्या आप और हम बचे हैं?
9.
हाँ, एक बात और, हम सब यह जो सनसनीखेज शीर्षक की बात कर रहे हैं तो उससे क्या आप और हम बचे हैं?
10.
जाहिर है कि ऐसे सनसनीखेज शीर्षक और खबरें देने से रिपोर्ट को ज्यादा फोकस मिल सकता है पर इस प्रक्रिया में पत्रकारिता की जिम्मेदारी और नैतिकता का क्या हश्र हो रहा है?