मैथिली में कुमार गंगानंद द्वारा रचित उपन्यास“अगिलही” की सामाजिक-सांस्कृतिक विकास में भूमिका...
2.
इसकी वजह है हमारे सामाजिक-सांस्कृतिक विकास और शिक्षा में कोई कमी रह गई है।
3.
सरकार भी सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के हर पहलू पर इनसे राय लेकर आगे बढ़ती है।
4.
सोश्यॉ-कल्चरल एंथ्रोपॉलजी इसके अंतर्गत मनुष्य के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के विभिनन पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।
5.
सोश्यॉ-कल्चरल एंथ्रोपॉलजी इसके अंतर्गत मनुष्य के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के विभिनन पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।
6.
मानव का इतिहास, सामाजिक-सांस्कृतिक विकास, उन्नत प्रौद्योगिकी और विज्ञान से लेकर जीवनदर्शन जैसी तमाम उपलब्धियां समाप्त हो जाएंगी।
7.
अवनींद्र मैं इन बेपनाह अंधेरों को सुबह कैसे कहूं मैं इन नजारों का अंधा तमाशबीन नहीं लगता है हमारे सामाजिक-सांस्कृतिक विकास की कहानी अभी अधूरी है.
8.
विश्वविद्यालय में छात्रों, अध्यापकों, और कर्मचारियों की कुछ ऐसी संस्थाएँ / संघ हैं जो उनके जनतांत्रिक हितों की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के लिए भी कार्यरत हैं।
9.
विश्वविद्यालय की जनतांत्रिक संस्थाएँ / संघ विश्वविद्यालय में छात्रों, अध्यापकों, और कर्मचारियों की कुछ ऐसी संस्थाएँ / संघ हैं जो उनके जनतांत्रिक हितों की रक्षा के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के लिए भी कार्यरत हैं।
10.
इसी से पता चलता है कि विज्ञान के प्रति भी लोगों में किस कदर गलत और भ्रामक समझकारी का बोल-बाला है, जो कि हमारे समुचित सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के रास्ते में बहुत बड़ा रोड़ा है।