वे एक सांस्कृतिक, सामाजिक और सौन्दर्यशास्त्रीय मनोवैज्ञानिक थे।
2.
सौन्दर्यशास्त्रीय प्रतिमानों के साथ-साथ प्रगतिशील-जनवादी काव्य-धारा का
3.
सौन्दर्यशास्त्रीय भाव जागृत कर अपनी ‘सेवा ' प्रदान करता है ।
4.
आसान लगती है पर समाजशास्त्रीय, मनोविश्लेषणात्मक और सौन्दर्यशास्त्रीय सारे एंगिल मौजूद हैं।
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आसान लगती है पर समाजशास्त्रीय, मनोविश्लेषणात्मक और सौन्दर्यशास्त्रीय सारे एंगिल मौजूद हैं।
6.
इस समय तक अलग अलग क्षेत्रों के साहित्य और कलाओं की विशिष्ट सौन्दर्यशास्त्रीय परम्पराएं मिलने लगती हैं.
7.
पाश्चात्य सौन्दर्यशास्त्रीय चिन्तन रचना में वस्तु के उस रूप को प्रमुख औरनिर्णायक मानता है जो कवि-कल्पना और मनोभावों से रूपान्तरित-तत्वान्तरितहोकर प्रयुक्त होता है.
8.
वह व्याख्या करने के जगह एक भ्रम रचेगी जिसमें सौन्दर्यशास्त्रीय या दार्शनिक शब्दावली की जगह ऐतिहासिक शब्दावली का सम्भवतः अधिक उपयोग किया गया होगा।
9.
सबसे बड़ी बात तो यह है कि किसी साहित्यिक रचना का सामाजिक परिणाम उसके सौन्दर्यशास्त्रीय गुण से बहुत कम मेल खाता हुआ हो सकता है.
10.
एक सौन्दर्यशास्त्रीय आख्यान, जो कविता की अंतर्वस्तु, विषय वस्तु और कविता में उसके रूपांतरण पर अद्भुत और अभूतपूर्व ढंग से रौशनी डालता है.