| 1. | श्रय व स्वेद बिंदु मस्तक पर मण ियों
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| 2. | स्वेद की उत्पत्ति स्विद् धातु से हुई है।
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| 3. | रक्तसे शुचि स्वेद कण से सद्य संचित प्रेरणा॥
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| 4. | स्वेद ग्रन्थियों को भी प्रभावित करता है ।।
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| 5. | तन भरा है स्वेद से, देह चिपचिपा रही,
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| 6. | स्वेद और रुधिर का स्राव करता है ।।
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| 7. | श्रम-सीकर की स्वेद गंग में, नित्य करें अवगाहन.
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| 8. | वदन घाम से लाल, स्वेद से जमी अलक-लट,
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| 9. | स्वेद ग्रंथिया त्वचा के सतह पर खुलती है।
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| 10. | इसमें अस्थि, मज्जा, रक्त या स्वेद क्या है?
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