[संपादित करें] मोतज़ेला अर्थात् बुद्धिपरक हेतुवाद युग
2.
मोतज़ेला अर्थात् बुद्धिपरक हेतुवाद युग [संपादित करें]
3.
नीति, प्रतीति, प्रीति, परिमिति, पति हेतुवाद हठि हेरि हई है।
4.
तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है।
5.
कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती हैं ।
6.
उनके पिता त्रिपुरनेनी रामस्वामि चौधरी तेलुगु साहित्य में आधुनिक हेतुवाद के प्रवर्तक के रूप में जाने जाते हैं.
7.
रामायण के उत्तरकाण्ड में श्रीराम की यज्ञ सभा में हेतुवाद में कुशल हेतुक अर्थात नैयायिक विद्वान को ससम्मान निमन्त्रित करने की बात कही गयी है।
8.
रामस्वामि चौधरी ने ‘ सूताश्रम ' की स्थापना करके हेतुवाद का प्रचार-प्रसार किया. इस प्रकार गोपीचंद को हेतुवाद अपने पिता से विरासत में प्राप् त हु आ.
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रामस्वामि चौधरी ने ‘ सूताश्रम ' की स्थापना करके हेतुवाद का प्रचार-प्रसार किया. इस प्रकार गोपीचंद को हेतुवाद अपने पिता से विरासत में प्राप् त हु आ.
10.
षट्खंडागम * में श्रुत के पर्याय-नामों को गिनाते हुए एक नाम ' हेतुवाद ' भी दिया गया है, जिसका अर्थ हेतुविद्या, न्यायविद्या, तर्क-शास्त्र और युक्ति-शास्त्र किया है।